Notification Bell 16

Subroto Bagchi: करोड़ों दान के बाद मिली छोटी-सी Re 1 SBI चेक ने क्यों दिलाई ज़िंदगी की सबसे बड़ी खुशी?

नई दिल्ली | [आज की तारीख] – माइंडट्री (Mindtree) के सह-संस्थापक और दिग्गज उद्यमी सुब्रोतो बागची ने अब तक हजारों करोड़ रुपए की चैरिटी की है, लेकिन हाल ही में उनके लिए एक साधारण Re 1 का SBI चेक उनका सबसे बड़ा ‘वास्तविक ख़ज़ाना’ बन गया। आइए जानते हैं इसके पीछे की दिलचस्प और प्रेरणादायक कहानी।


🤝 करोड़ों का दान, लाखों में छुपी मानवता

प्रख्यात IT उद्यमी और चैरिटी पैशनिस्ट सुब्रोतो बागची ने अपने जीवनकाल में शिक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य और डिज़िटल साक्षरता जैसे क्षेत्रों में भारी योगदान दिया है। सरकारी संस्थानों, नवोन्मेषी सामाजिक स्टार्टअप्स और गांव-स्तर के विकास कार्यों को लगातार करोड़ों की मदद पहुंचाई।

लेकिन इनमें कहीं खो गई थी एक “इंसानियत की सादगी”—जिसने उन्हें हाल में मिलने वाले छोटे चेक में मिल गई।


🌟 साझा गणित: Re 1 चेक की खासियत

हाल ही में उन्हें एक छात्रा ने एक SBI शाखा में Re 1 का चेक भेंट किया—एक भावना से भरा, समर्पण से लिखा हुआ। बागची कहते हैं:

“मैं करोड़ों देता हूँ, लेकिन उस लड़की ने जो भाव दिखाया… वो ‘Re 1’ मेरे लिए ज़िंदगी की सबसे बड़ी दौलत है।”

इस छोटे चेक में वास्‍तव में था उससे बड़ी शिक्षा: ‘छोटा योगदान भी बड़ा हो सकता है।’


💡 सादगी, असली सुपरपावर

इस चेक ने बागची को सिखाया कि:

  • दातृत्व” केवल राशि से नहीं आंकलाशकति से होता है।”
  • छोटा योगदान भी किसी के लिए प्रेरणा बन सकता है—‘चेतना पैदा करना’ उसका सबसे बड़ा फायदा है।
  • दिल से दिया गया छोटा चेक, हजारों की देन से कहीं अधिक अर्थ रखता है।

उनका मानना है कि इस भाव को बनाए रखने से समाज में ‘देन-दारी की संस्कृति’ पनपेगी और दिखावे के बजाय प्रेरणा से जुड़ेगा।


🌐 बदलती परिभाषा: बड़ा क्या है?

अक्सर ‘बड़ा दान’ हजारों करोड़ से पैमाना जूड़ा होता है, लेकिन बागची कहते हैं इस पैसे की सच्ची अहमियत तभी होती है जब वो छोटे-छोटे योगदानों की श्रृंखला में पिरोया गया हो। यही उनका ‘वास्तविक धन-संकलन’ है।

वित्तीय रिटर्न से बढ़कर उन्हें लोगों की आत्मबल और सामाजिक बदलाव की खुशी में सच्चा खज़ाना मिला।


🧩 सिखनी लीजिए: छोटी शुरुआत, बड़ा असर!

अगर आप सोच रहे हैं बड़ी मदद तभी की जाए जो बड़ी रकम लाए—तो रुकिए:

  1. इतना देना कि शेष भी संभाल सकें।
  2. छोटा योगदान—उदाहरण के तौर पर: Re 1, विद्या की किताब, मास्क, बीज, या छड़ी—भी असरदार होता है।
  3. संस्कारपूर्ण सोच फैलाएँ, बड़े दाताओं की प्रतीक्षा न करें।

बागची की प्रेरणा यही कहती है: “अगर लाखों दूसरों को जोड़ते हैं, तो करोड़ों की शक्ति खुद-ब-खुद इकट्ठी हो जाती है।”

Share:

WhatsApp
Telegram
Facebook
Twitter
LinkedIn