
एक अहम मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए तैयार है, जिसमें एक भारतीय नर्स को यमन में फांसी की सजा से बचाने की गुहार लगाई गई है। यह याचिका उस नर्स के परिवार की ओर से दाखिल की गई है, जो इस वक्त यमन की जेल में है और उस पर एक मर्डर केस में दोषी ठहराया गया है।
परिवार का कहना है कि नर्स निर्दोष है और उसने कोई हत्या नहीं की। उनके मुताबिक, पूरी घटना को गलत तरीके से पेश किया गया और वहां की स्थानीय अदालत ने बिना सही कानूनी प्रक्रिया के उन्हें दोषी करार दिया। अब भारत सरकार और सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और उस नर्स की जान बचाई जा सके।
इस याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया जाए कि वह यमन सरकार से बात करके इस केस में राहत दिलाने की कोशिश करे। साथ ही, भारत सरकार से कानूनी मदद और काउंसलर एक्सेस की भी मांग की गई है।
यह मामला न केवल एक इंसान की जान का है, बल्कि विदेशों में काम कर रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी मदद के अधिकार से भी जुड़ा है।
सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर जल्द सुनवाई करेगा, और पूरे देश की नजर इस पर टिकी हुई है।