
ऑस्ट्रेलिया की बड़ी एयरलाइन कंपनी Qantas पर एक ऐतिहासिक जुर्माना लगाया गया है। अदालत ने कंपनी को 90 मिलियन अमेरिकी डॉलर का पेनल्टी भरने का आदेश दिया है। यह अब तक का सबसे बड़ा औद्योगिक संबंध (industrial relations) से जुड़ा जुर्माना माना जा रहा है।
मामला उस समय का है जब कोरोना महामारी के दौरान Qantas ने अपने 1,800 से ज्यादा ग्राउंड वर्कर्स को नौकरी से निकाल दिया था। कंपनी का कहना था कि यह फैसला लागत कम करने के लिए जरूरी था, लेकिन अदालत ने इसे “ग़ैर-कानूनी छंटनी” बताया।
ऑस्ट्रेलिया की फेडरल कोर्ट ने साफ कहा कि Qantas ने कर्मचारियों के अधिकारों का उल्लंघन किया। कोर्ट का फैसला आने के बाद कंपनी पर न सिर्फ जुर्माना लगा है, बल्कि प्रभावित कर्मचारियों को भी मुआवजा देने का रास्ता साफ हुआ है।
इस फैसले को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है। ट्रेड यूनियन और कर्मचारियों ने इसे “न्याय की जीत” बताया है। उनका कहना है कि यह फैसला आने वाले समय में कंपनियों को चेतावनी देगा कि वे कर्मचारियों के साथ मनमानी न करें।
Qantas ने इस फैसले पर निराशा जताई है और कहा है कि वह आगे की कानूनी प्रक्रिया पर विचार कर रही है। हालांकि, अदालत के आदेश के बाद कंपनी की साख को भी बड़ा झटका लगा है।
महामारी के दौरान कई कंपनियों ने छंटनी की थी, लेकिन Qantas का मामला सबसे बड़ा और सबसे विवादित माना गया। अब इस फैसले से उम्मीद है कि कर्मचारियों के हितों को और मजबूती मिलेगी।