
साल 2025 की पहली तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर मजबूती दिखाई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत की जीडीपी ग्रोथ दर 7.8% दर्ज की गई है। यह सिर्फ एशिया ही नहीं बल्कि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ वृद्धि मानी जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस ग्रोथ के पीछे कई बड़े कारण हैं। घरेलू खपत में लगातार सुधार, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर सरकार का जोर और सर्विस सेक्टर में मजबूती ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार दी है। खास बात यह है कि मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर में भी अच्छा प्रदर्शन देखने को मिला है।
ग्लोबल स्तर पर जहां कई देश धीमी वृद्धि और मंदी जैसी चुनौतियों से जूझ रहे हैं, वहीं भारत की यह ग्रोथ निवेशकों और उद्योगों के लिए सकारात्मक संकेत मानी जा रही है। अंतरराष्ट्रीय संस्थान भी मानते हैं कि आने वाले वर्षों में भारत ग्लोबल इकोनॉमी का प्रमुख ड्राइवर बन सकता है।
हालांकि, चुनौतियाँ भी कम नहीं हैं। महंगाई पर नियंत्रण, रोजगार के अवसर बढ़ाना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना सरकार के सामने बड़ी प्राथमिकताएं होंगी। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर नीतियों का सही ढंग से क्रियान्वयन हुआ तो आने वाले सालों में भारत 8% से ज्यादा ग्रोथ भी हासिल कर सकता है।
यह उपलब्धि भारत को दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में और मजबूत बनाती है, जिससे आम नागरिक और उद्योग दोनों को लंबे समय में लाभ मिलने की संभावना है।