
चुनाव आयोग ने हाल ही में एक गंभीर मुद्दे पर नाराजगी जताई है। मामला वोटरों की तस्वीरों के अनाधिकृत इस्तेमाल से जुड़ा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ इलेक्ट्रॉनिक वोटर फोटोज़ बिना अनुमति के सार्वजनिक रूप से साझा किए गए और उन्हें राहुल गांधी से जोड़ने की कोशिश की गई।
चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि मतदाता की निजी जानकारी, चाहे वह फोटो हो या अन्य कोई विवरण, उनकी अनुमति के बिना सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। यह नियमों का उल्लंघन है और इससे मतदाताओं की गोपनीयता पर सीधा असर पड़ता है।
इस घटना को राजनीतिक रूप से प्रेरित माना जा रहा है। आयोग ने चेतावनी दी है कि इस तरह के काम लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं और लोगों के बीच अविश्वास पैदा कर सकते हैं। साथ ही, आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि मतदाताओं की जानकारी का इस्तेमाल केवल चुनाव संबंधी तकनीकी जरूरतों तक ही सीमित होना चाहिए, किसी भी राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं।
विपक्षी दलों ने भी इस मामले पर चिंता जताई है और मांग की है कि इसकी जांच हो और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए। वहीं, कुछ नेताओं का कहना है कि ऐसे मामलों से यह संदेश जाता है कि मतदाता सुरक्षित नहीं हैं।