
📅 24 जून 2025 — पश्चिम एशिया में दो प्रमुख विरोधियों, इज़राइल और ईरान, के बीच लंबे तनाव के बाद घोषित संघर्षविराम अभी तक कायम है, लेकिन दोनों पक्ष एक-दूसरे पर उल्लंघन के आरोप लगा रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे “24 घंटे में लागू होने वाला स्थायी समझौता” बताया है, लेकिन ज़मीन पर स्थिति कुछ और ही कहानी कह रही है।
🔥 कौन तोड़ रहा है संघर्षविराम?
- तेहरान में धमाके: इज़राइल ने दावा किया है कि उसने तेहरान के कुछ इलाकों में “सटीक हमले” किए हैं। हमलों से पहले मेहरान, डिस्ट्रिक्ट 6 और 7 में नागरिकों को निकालने की चेतावनी दी गई थी। चश्मदीदों ने राजधानी में धुएं के घने गुबार उठते देखे।
- ईरान का खंडन: ईरान सरकार ने इन हमलों से इनकार किया है और कहा कि उन्होंने अपनी वायु रक्षा प्रणाली से सभी हमलों को विफल किया।
📞 ट्रंप ने दी सख्त चेतावनी
एनबीसी को दिए एक इंटरव्यू में राष्ट्रपति ट्रंप ने दोनों देशों पर समझौता तोड़ने का आरोप लगाया और कहा, “अब इज़राइल और ईरान एक-दूसरे पर गोलियां नहीं चलाएंगे — कभी नहीं।”
💥 अमेरिका के क़तर बेस पर मिसाइल हमले?
- ईरान का दावा: उन्होंने 19 मिसाइलें क़तर स्थित अमेरिकी अड्डे अल उदीद एयरबेस पर दागीं, जिनमें से एक मिसाइल अड्डे से टकराई, लेकिन किसी की जान नहीं गई।
- ट्रंप का बयान: “14 मिसाइलें दागी गईं, 13 को गिराया गया और 1 मिसाइल ‘छूट’ गई,” ट्रंप ने दावा किया।
🤝 पर्दे के पीछे हुई बातचीत
इस संघर्षविराम को क़तर के शासकों की मदद से करवाया गया। राष्ट्रपति ट्रंप और क़तर के अमीर के बीच सीधी बातचीत ने इस समझौते की नींव रखी। हालांकि इज़राइल ने साफ कहा है कि अगर ईरान ने फिर कोई हरकत की, तो वह “कड़े जवाबी हमले” के लिए तैयार है।
⚠️ स्थिति क्यों अब भी नाज़ुक है?
- स्वतंत्र पुष्टि संभव नहीं: ईरान और इज़राइल में पत्रकारों की पहुंच सीमित है, जिससे ज़मीनी हालात की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो पा रही है।
- राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़: दोनों पक्ष एक-दूसरे को चेतावनी दे रहे हैं, जिससे तनाव फिर भड़कने की आशंका बनी हुई है।
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- ईरान इज़राइल संघर्षविराम 2025
- ट्रंप का पश्चिम एशिया शांति मिशन
- तेहरान पर इज़राइली हमला
- अल उदीद एयरबेस पर मिसाइल
- कतर की मध्यस्थता से शांति
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