योग दिवस 2025: प्रधानमंत्री मोदी का समंदर में ऐतिहासिक योग

हर साल 21 जून को भारत समेत दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। लेकिन 2025 का योग दिवस खास बन गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय नौसेना के बहादुर जवानों के साथ समंदर के बीच एक विशाल युद्धपोत पर योग किया।
INS युद्धपोत पर हुआ ऐतिहासिक आयोजन
इस बार का योग आयोजन भारतीय नौसेना के प्रतिष्ठित युद्धपोत INS Vikrant पर हुआ, जो कि भारत की समुद्री शक्ति का प्रतीक है। समंदर के सीने पर तैरते इस युद्धपोत पर प्रधानमंत्री मोदी और नेवी जवानों ने सामूहिक योगाभ्यास किया।>
PM मोदी ने कहा:“समुद्र की गहराई जितनी गंभीरता से ध्यान की अनुभूति देता है, उतना ही भारत की नौसेना हमें अनुशासन और संकल्प का संदेश देती है।”
अनुशासन और संतुलन का मिलन — योग और नौसेना
योग का मूल उद्देश्य है मन, शरीर और आत्मा का संतुलन। वहीं, भारतीय नौसेना का जीवन भी अनुशासन और संतुलन का ही प्रतिबिंब है। यह आयोजन न केवल एक योग सत्र था, बल्कि एक संदेश था कि देश की सुरक्षा में लगे जवान भी मानसिक शांति और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हैं।
सूर्य नमस्कार से शुरू होकर ध्यान में हुई समाप्ति
कार्यक्रम की शुरुआत सूर्य नमस्कार से हुई। इसके बाद विभिन्न आसनों जैसे ताड़ासन, वज्रासन, भुजंगासन और शवासन का अभ्यास हुआ। अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने सभी को “ध्यान” के महत्व को समझाया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए दृश्य
कार्यक्रम की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए। ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर हैशटैग #YogaDayWithNavy, #ModiOnWarship और #OceanYoga2025 ट्रेंड करने लगे।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
@RohanDeshmukh (Twitter): “इससे बड़ी देशभक्ति और क्या हो सकती है – मोदी जी और नेवी एक साथ योग कर रहे हैं, गर्व महसूस हो रहा है।”
@YoginiMeera (Instagram): “समंदर की लहरों के बीच योग – अद्भुत दृश्य!”
मोदी सरकार की योग नीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में ही योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई थी। उनकी पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया।
2025 में यह 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है, और हर साल की तरह इस बार भी एक अनोखे स्थान से दुनिया को योग का संदेश दिया गया।
क्या कहती है भारतीय नौसेना?
भारतीय नौसेना के अनुसार, योग सिर्फ फिजिकल फिटनेस नहीं बल्कि मानसिक एकाग्रता का भी अभ्यास है, जो समुद्री ऑपरेशनों के दौरान बेहद ज़रूरी होता है।
Vice Admiral ने कहा:
“हमें गर्व है कि आज देश के प्रधानमंत्री ने हमारे साथ समुद्र में योग कर यह संदेश दिया कि रक्षा और ध्यान साथ चल सकते हैं।”
निष्कर्ष – योग, सैनिक और समर्पण
जहाँ योग शरीर को स्वस्थ बनाता है, वहीं सैनिक राष्ट्र की रक्षा करते हैं — और जब दोनों साथ आ जाएं, तो वह दृश्य इतिहास में दर्ज हो जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय नौसेना के इस ऐतिहासिक योग आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि योग केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि एक राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया है।