
चेन्नई | 3 जून 2025
अन्ना यूनिवर्सिटी के परिसर में घटे वीभत्स बलात्कार मामले ने जिस तरह पूरे देश को झकझोरा था, अब उस केस में कोर्ट ने दिया है एक ऐसा फैसला जो दरिंदगी करने वालों को सीधी चेतावनी है।
महिला अदालत की जज एम. रजालक्ष्मी ने सोमवार को आरोपी ए. ज्ञानसेकरन को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कहा — “न्याय सिर्फ फैसला नहीं, संदेश भी है। और इस अपराध की सजा है: कम से कम 30 साल जेल के सींखचों के पीछे।”
📌 क्या था मामला?
24 दिसंबर की रात, अन्ना यूनिवर्सिटी के कैंपस में एक छात्रा अपने दोस्त के साथ बैठी थी। तभी आया ज्ञानसेकरन, जिसने पहले धमकाया, फिर उस छात्रा को जबरन खींच ले गया और बलात्कार किया। यही नहीं, इस हैवान ने पूरी घटना को अपने फोन में रिकॉर्ड भी किया।
📱 जब सोशल मीडिया बना जहर
घटना के दो दिन बाद, पीड़िता की पहचान लीक हो गई। सोशल मीडिया पर वीडियो फैलने का डर बन गया हथियार। मामला तूल पकड़ चुका था। तभी मद्रास हाईकोर्ट ने तत्काल एक ऑल-वुमन स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित की — ये साफ था, अब कोई रियायत नहीं।
⚖️ जांच से सज़ा तक: न्याय की रफ्तार
- SIT ने सिर्फ दो महीनों में 100 पन्नों की चार्जशीट पेश की
- केस महिला अदालत को सौंपा गया
- आरोपी पर लगे कुल 11 संगीन आरोप, जिनमें बलात्कार, अपहरण, डिजिटल ब्लैकमेल, और महिलाओं के खिलाफ राज्य कानून की धाराएं शामिल थीं
- अदालत ने आरोपी को हर एक आरोप में कसूरवार पाया
💥 फैसले ने देश को क्या सिखाया?
- विश्वविद्यालय परिसर अब ‘सुरक्षित क्षेत्र’ नहीं कहे जा सकते
- सोशल मीडिया पर पीड़िता की पहचान उजागर करना अब अपराध से कम नहीं
- डिजिटल अपराध के मामलों को अब और कड़ाई से निपटाया जाएगा
- महिला अदालतों की तेज़ और निष्पक्ष कार्यवाही से पीड़िताओं को नया हौसला मिल रहा है
🙌 वो लड़की हार नहीं मानी…
उस छात्रा ने न चुप्पी ओढ़ी, न डर को सिर चढ़ाया। उसने हिम्मत दिखाई, कानून पर भरोसा किया — और नतीजा सामने है: एक दरिंदा आज उम्रभर के लिए सलाखों के पीछे है।
✊ ये सिर्फ खबर नहीं, एक चेतावनी है…
अब हर वो शख्स जो सोचता है कि कानून से बच जाएगा,
उसे ये केस बता देगा —
“अब भारत की बेटियां चुप नहीं रहेंगी। और कानून अब रुकने वाला नहीं है।”