
कीव / मॉस्को – 1 जून 2025
दुनिया की निगाहें उस वक्त थम गईं जब यूक्रेन ने एक ऐसा हमला किया जो इतिहास में दर्ज हो गया।
यूक्रेन ने रूस के चार हाई-सेक्योरिटी एयरबेस पर जोरदार ड्रोन स्ट्राइक की, जिसमें 40 से अधिक अत्याधुनिक और परमाणु-सक्षम बमवर्षक विमान तबाह हो गए।
इस मिशन को कोडनेम दिया गया था – “ऑपरेशन स्पाइडर वेब”
और अब इसे दुनिया भर में कहा जा रहा है:
“रूस का पर्ल हार्बर पल”
🎯 योजना, धैर्य और तकनीक की जीत
करीब 18 महीनों की तैयारी के बाद, यूक्रेन की खुफिया एजेंसी SBU ने यह ऐतिहासिक ऑपरेशन अंजाम दिया।
FPV ड्रोन (फर्स्ट पर्सन व्यू) तकनीक से लैस ये ड्रोन साधारण ट्रकों में छिपाकर रूस के अंदर गहराई तक पहुंचा दिए गए थे — और फिर एक साथ कई मोर्चों पर हमला हुआ।
टारगेट क्या थे?
- TU-95 “Bear” परमाणु बमवर्षक
- TU-22 “Backfire” तेज़ हमला करने वाले जेट
- A-50 “Mainstay” एयर कमांड और कंट्रोल प्लेन
इन सभी को यूक्रेन ने एक ही रात में आग के हवाले कर दिया।
💣 नुकसान सिर्फ आर्थिक नहीं, रणनीतिक भी है
यूक्रेन के अधिकारियों के अनुसार:
- 41 विमानों का सफाया
- नुकसान की कीमत लगभग $7 बिलियन (करीब ₹58,000 करोड़)
- इनमें से कई विमानों का निर्माण अब रूस में नहीं होता
- रूस की एक-तिहाई लंबी दूरी की बमवर्षक क्षमता खत्म हो गई
इन विमानों का इस्तेमाल कीव और अन्य यूक्रेनी शहरों पर क्रूज़ मिसाइल हमलों में होता था। अब वे सिर्फ जलती राख हैं।
🌍 पूरी दुनिया सन्न रह गई
ये हमला ऐसे समय हुआ जब यूक्रेन और रूस के नेताओं के बीच तुर्की के इस्तांबुल में संभावित युद्धविराम बातचीत होने की चर्चा थी।
पर यूक्रेन ने साफ संदेश दे दिया:
“हम माफ नहीं करेंगे, हम वार करेंगे – और समय आने पर आग बरसाएंगे।”
🔥 रूस की चुप्पी डर को बयान करती है
क्रेमलिन समर्थक ब्लॉगर्स गुस्से में हैं, और इस ऑपरेशन को “रूस का पर्ल हार्बर” कह रहे हैं।
रूसी सरकार अब तक खामोश है — शायद इस जबरदस्त हमले की तीव्रता को समझने की कोशिश में।
🕸️ ऑपरेशन स्पाइडर वेब: जैसे किसी जासूसी फिल्म से निकला हो
- ड्रोन को जीपीएस टारगेटिंग से प्रोग्राम किया गया
- ट्रकों में छिपाकर इन्हें रूस की सीमाओं के भीतर भेजा गया
- फुल मिडनाइट सिंक्रोनाइज़्ड अटैक
- फुल गुप्त कोडिंग और तकनीकी चालें
लीक हुए वीडियो में, जली हुई बमवर्षक विमानों की लंबी लाइनें दिखाई देती हैं — जैसे युद्ध के आसमान में आतिशबाज़ी हो रही हो।
🧨 ये सिर्फ हमला नहीं था, चेतावनी थी
ये हमला केवल एयरबेस पर नहीं था — ये था रूस की रणनीति, सुरक्षा और घमंड पर सीधा प्रहार।
युद्ध की दिशा अब बदल रही है।
जहां कभी टैंक और मिसाइल खेल के खिलाड़ी थे, अब ड्रोन, डेटा और डिजिटल रणनीति ही असली हथियार बन गए हैं।
❗ अब सवाल है: अगला कदम किसका होगा?
क्या रूस पलटवार करेगा?
या क्या ये हमले दुनिया को दिखाएंगे कि युद्ध अब रनों में नहीं, तरकीबों में जीते जाते हैं?
आसमान जल रहा है, और इतिहास लिखा जा रहा है…