
कांग्रेस की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ इन दिनों बिहार में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस यात्रा में प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने एक साथ हिस्सा लिया और लोगों से सीधे संवाद किया। दोनों नेताओं ने चुनाव आयोग के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोकतंत्र को मज़बूत बनाने के लिए जनता की आवाज़ का सम्मान होना ज़रूरी है।
राहुल गांधी ने पटना में आयोजित सभा में कहा कि वोट सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रीढ़ है। अगर लोगों के वोट की ताकत कमज़ोर होगी, तो पूरे सिस्टम पर असर पड़ेगा। वहीं प्रियंका गांधी ने युवाओं और महिलाओं से अपील की कि वे अपने अधिकारों को समझें और चुनाव में सक्रिय भागीदारी करें।
यात्रा के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। जगह-जगह पर लोगों ने प्रियंका और राहुल का स्वागत किया। भीड़ में मौजूद युवाओं का कहना था कि इस तरह की यात्राएं उन्हें राजनीति और लोकतंत्र से जोड़ने का काम करती हैं।
कांग्रेस इस यात्रा के ज़रिए यह संदेश देना चाहती है कि चुनाव आयोग को पूरी तरह निष्पक्ष होना चाहिए और हर नागरिक के वोट का महत्व सुरक्षित रहना चाहिए। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि बिहार जैसे राज्य में इस तरह की यात्राएं चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकती हैं और पार्टी को ज़मीनी स्तर पर फायदा पहुँचा सकती हैं।
कुल मिलाकर, ‘वोटर अधिकार यात्रा’ कांग्रेस के लिए सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों को लेकर एक संदेश देने की कोशिश है।