
उत्तर प्रदेश ने सतत ऊर्जा और हरित विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य में पहला ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन प्लांट शुरू हो गया है। इसे लेकर सरकार का कहना है कि यह पहल आने वाले समय में न सिर्फ ऊर्जा क्षेत्र को नई दिशा देगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगी।
ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य की ऊर्जा माना जा रहा है, क्योंकि इसके उत्पादन में प्रदूषण नहीं होता और यह पूरी तरह स्वच्छ है। इसे बिजली, परिवहन और औद्योगिक क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले वर्षों में ग्रीन हाइड्रोजन देश की ऊर्जा ज़रूरतों का एक बड़ा हिस्सा पूरा कर सकता है।
प्लांट के उद्घाटन के मौके पर अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना से न सिर्फ राज्य की ऊर्जा क्षमता बढ़ेगी बल्कि युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर भी तैयार होंगे। साथ ही, यह कदम भारत के 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य की दिशा में भी मददगार साबित होगा।
यूपी में ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट का शुरू होना इस बात का संकेत है कि राज्य अब पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता घटाकर नवीकरणीय ऊर्जा की ओर तेजी से बढ़ रहा है। अगर आने वाले समय में ऐसे और प्रोजेक्ट लागू होते हैं, तो यह राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए लाभकारी होगा।