
टेक दुनिया में एक बड़ा कदम सामने आया है। मेटा (Meta) ने अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने के लिए गूगल क्लाउड के साथ $10 बिलियन से अधिक का करार किया है। इस साझेदारी का मकसद है मेटा की एआई रिसर्च और प्रोडक्ट्स के लिए एक मजबूत और भरोसेमंद क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना।
जानकारी के मुताबिक, यह डील आने वाले सालों में मेटा को गूगल की क्लाउड कंप्यूटिंग क्षमता और डेटा सेंटर्स तक आसान पहुंच दिलाएगी। एआई मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए बड़ी कंप्यूटिंग पॉवर की जरूरत होती है, और यही कारण है कि टेक कंपनियां अब क्लाउड सेवाओं में भारी निवेश कर रही हैं।
इस खबर के बीच एक और बड़ी अपडेट आई है—एनवीडिया (Nvidia) ने अपने H20 एआई चिप का उत्पादन रोक दिया है, खासकर चीन के बाजार के लिए। माना जा रहा है कि अमेरिका की निर्यात पाबंदियों और बदलते वैश्विक हालात ने इस फैसले को प्रभावित किया है। इसका असर सीधे तौर पर चीन की टेक कंपनियों पर पड़ेगा, जो एआई डेवलपमेंट में तेज़ी लाने की कोशिश कर रही हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि मेटा-गूगल डील और एनवीडिया की यह घोषणा वैश्विक एआई रेस को एक नए मोड़ पर ले जा रही है। जहां एक तरफ अमेरिकी कंपनियां मिलकर एआई इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही हैं, वहीं चीन के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।
कुल मिलाकर, यह साफ है कि आने वाले समय में एआई टेक्नोलॉजी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर ही बड़ी टेक कंपनियों की असली ताकत साबित होंगे।