
भारतीय बैंकिंग सेक्टर में विदेशी निवेश को लेकर एक अहम कदम उठाया गया है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने देश के बैंकिंग क्षेत्र में नई पूंजी लाने के लिए LIC और जापान की प्रमुख वित्तीय संस्था SMBC (Sumitomo Mitsui Banking Corporation) को मंज़ूरी दे दी है। इस फैसले से आने वाले समय में बैंकों को मज़बूती और निवेशकों को नए अवसर मिलने की उम्मीद है।
LIC, जो पहले से ही भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है, अब बैंकिंग सेक्टर में और गहराई से अपनी भूमिका बढ़ा सकेगी। वहीं, SMBC जैसे विदेशी बैंक की भागीदारी से भारतीय बैंकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूंजी और तकनीकी सहयोग का लाभ मिलेगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम बैंकिंग क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा।
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय बैंकिंग सेक्टर ने कई चुनौतियाँ देखी हैं—जैसे बढ़ते NPA (गैर-निष्पादित संपत्ति) और धीमी लोन ग्रोथ। ऐसे में विदेशी निवेश का आना बैंकों को वित्तीय मज़बूती देगा और डिजिटल बैंकिंग, जोखिम प्रबंधन तथा नए उत्पादों में सुधार की संभावनाएँ खोलेगा।
RBI की यह मंज़ूरी ऐसे समय पर आई है जब सरकार लगातार भारत को वैश्विक निवेश केंद्र बनाने की दिशा में काम कर रही है। विदेशी बैंकों और संस्थाओं की भागीदारी से भारत के वित्तीय तंत्र को और मजबूत माना जा रहा है।
कुल मिलाकर, LIC और SMBC की एंट्री बैंकिंग सेक्टर के लिए सकारात्मक संकेत है। इससे ग्राहकों को बेहतर सेवाएँ मिल सकती हैं और उद्योग को नई दिशा मिल सकती है।