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बॉलीवुड से बैट तक: विदु विनोद चोपड़ा के बेटे अग्नि चोपड़ा ने अमेरिका की MLC लीग में मचाई हलचल

ओकलैंड, कैलिफोर्निया – जब सिनेमा की विरासत मैदान पर उतरती है, तो कहानी खुद-ब-खुद दिलचस्प बन जाती है। जाने-माने फिल्म निर्माता विदु विनोद चोपड़ा के बेटे अग्नि चोपड़ा ने 13 जून 2025 को MI न्यूयॉर्क के लिए खेलते हुए Major League Cricket (MLC) में अपने करियर की धमाकेदार शुरुआत की।

हालांकि उन्होंने अपने पहले मैच में सिर्फ 5 रन बनाए, लेकिन क्रिकेट की इस नई किताब में उनका नाम अब हमेशा के लिए दर्ज हो गया है।

✈️ 35,000 फीट की ऊंचाई पर बदली ज़िंदगी

फिल्मों की तरह ही अग्नि की क्रिकेट जर्नी की शुरुआत भी एकदम सिनेमाई रही। सैन फ्रांसिस्को से मुंबई की फ्लाइट में सफर करते हुए उन्हें पता चला कि वह $50,000 में MLC में चुन लिए गए हैं। जब विमान लैंड हुआ, तो वे अब सिर्फ “डायरेक्टर का बेटा” नहीं, बल्कि MI न्यूयॉर्क के स्टार खिलाड़ी बन चुके थे।

“मैं प्लेन में मूवी देख रहा था, और लैंड करते ही मेरी ज़िंदगी बदल गई,” अग्नि ने मुस्कराते हुए कहा।

🏏 मिजोरम से अमेरिका: एक अनोखा क्रिकेट सफर

अग्नि का नाम पहले भी चर्चा में था — 2023/24 और 2024/25 के रणजी सीज़न में उन्होंने मिजोरम के लिए शानदार प्रदर्शन किया, अपने पहले चार फर्स्ट-क्लास मैचों में लगातार शतक जड़कर सबको चौंका दिया।

2024 की प्लेट ग्रुप रणजी ट्रॉफी के वह टॉप स्कोरर रहे और 1 फरवरी 2025 को BCCI द्वारा सम्मानित भी किए गए।

🌍 पासपोर्ट ने बदला खेल

अब सबसे बड़ा ट्विस्ट — अग्नि चोपड़ा के पास भारतीय पासपोर्ट नहीं है। भारतीय घरेलू क्रिकेट में खेलने के लिए BCCI का नियम है कि खिलाड़ी के पास भारतीय नागरिकता होनी चाहिए। इस कारण अग्नि अब भारत में नहीं खेल सकते।

लेकिन इस एक नियम ने उनके लिए दुनिया के क्रिकेट लीग्स के दरवाज़े खोल दिए। अब वे अमेरिकी नागरिक होने के नाते MLC, ILT20, The Hundred जैसी अंतरराष्ट्रीय लीगों में बिना किसी पाबंदी के खेल सकते हैं। अगर वे IPL में खेलते हैं, तो उन्हें विदेशी खिलाड़ी के रूप में ही चुना जाएगा।

“एक नियम ने दरवाज़ा बंद किया, लेकिन दुनिया की कई खिड़कियाँ खोल दीं,” अग्नि के एक करीबी सूत्र ने बताया।

🌟 एक स्टार किड, जो खुद अपनी कहानी लिख रहा है

जब ज़्यादातर स्टार किड्स ग्लैमर की दुनिया में घुसने की कोशिश करते हैं, अग्नि ने क्रिकेट की राह चुनी। मैदान पर उनका सफर भले अलग हो, लेकिन इरादा साफ है — नाम खुद बनाना है, छाया नहीं बनना

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