
पृथ्वी के पास से हाल ही में एक बड़ा ऐस्टरॉइड गुज़रा जिसने खगोल विज्ञानियों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। यह ऐस्टरॉइड, जिसका नाम 1997 QK1 है, लगभग एक स्टेडियम जितना बड़ा माना जा रहा है। यह पृथ्वी के नज़दीक से करीब 22,000 मील प्रति घंटा की रफ़्तार से गुज़रा।
NASA और अन्य स्पेस एजेंसियों ने साफ किया है कि इस ऐस्टरॉइड से पृथ्वी को किसी भी तरह का खतरा नहीं था। इसकी दूरी सुरक्षित थी और यह केवल “Near-Earth Object (NEO)” के तौर पर दर्ज किया गया है। हालांकि, इसका नज़दीक से गुज़रना वैज्ञानिकों के लिए काफी अहम रहा।
खगोल वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे ऐस्टरॉइड का अध्ययन करना हमारे लिए भविष्य की सुरक्षा और अंतरिक्ष अनुसंधान दोनों के लिहाज़ से ज़रूरी है। इससे हमें यह समझने में मदद मिलती है कि ये विशाल चट्टानें किस तरह अंतरिक्ष में घूमती हैं और भविष्य में यदि कोई वास्तव में खतरनाक ऐस्टरॉइड धरती की ओर बढ़े, तो उससे निपटने की रणनीति कैसी होनी चाहिए।
दिलचस्प बात यह है कि इस ऐस्टरॉइड को पहली बार 1997 में खोजा गया था, और तब से ही इसे नियमित रूप से ट्रैक किया जा रहा है। ऐसे पलों को वैज्ञानिक “कॉस्मिक अपॉर्च्युनिटी” यानी ब्रह्मांडीय अवसर मानते हैं, क्योंकि इनसे नई जानकारी और शोध के रास्ते खुलते हैं।
कुल मिलाकर, 1997 QK1 का यह पास से गुज़रना एक रोमांचक वैज्ञानिक घटना रही, जिसने एक बार फिर याद दिलाया कि हमारा ग्रह एक बड़े ब्रह्मांड का हिस्सा है।