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घरेलू उपभोक्ताओं को राहत: प्राकृतिक गैस दो साल के न्यूनतम स्तर पर, रसोई गैस सस्ती होने की संभावना

घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत 14 महीने के निचले स्तर पर — रसोई गैस, बिजली और उर्वरकों की कीमतों में राहत संभव

सरकार ने जून 2025 के लिए घरेलू स्तर पर उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमत घटाकर $6.41 प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (MMBtu) कर दी है, जो मई में $6.93 थी। यह अप्रैल 2023 के बाद से सबसे कम कीमत है।

इस कटौती से उम्मीद की जा रही है कि रसोई गैस (LPG), बिजली और उर्वरकों की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिल सकती है, क्योंकि इन क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस एक महत्वपूर्ण इनपुट के रूप में उपयोग होती है।

किसे होगा फायदा?

यह कीमत प्रशासित मूल्य प्रणाली (APM) के तहत तय की गई है, जो ONGC (ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन) और ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसी सरकारी कंपनियों पर लागू होती है। इसका मतलब है कि इन कंपनियों द्वारा बेची जा रही गैस अब सस्ती होगी, जिससे आम लोगों तक राहत पहुँचने की संभावना है।

कीमतों में हालिया उतार-चढ़ाव

मार्च 2025 के अंत में सरकार ने अप्रैल से सितंबर तक के लिए प्राकृतिक गैस की कीमत बढ़ाकर $6.75 कर दी थी। इसके कुछ ही दिन बाद, 7 अप्रैल को एलपीजी सिलेंडर की कीमत ₹50 बढ़ा दी गई थी।

लेकिन अब, अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊर्जा कीमतों में गिरावट के चलते सरकार को कीमतों पर पुनर्विचार करना पड़ा।

कीमतों में गिरावट की वजह

यह कटौती मुख्य रूप से कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में गिरावट के कारण हुई है। भारत की नीति के अनुसार, देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमत भारतीय कच्चे तेल की औसत कीमत का 10% होती है। मई 2025 में यह औसत गिरकर $64.5 प्रति बैरल हो गया — जो पिछले तीन वर्षों में सबसे कम है।

हालाँकि वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव बना हुआ है, फिर भी ब्रेंट क्रूड ऑयल, जो भारत के लिए प्रमुख बेंचमार्क है, की कीमत 2025 में अब तक करीब 20% घट चुकी है।

आगे क्या हो सकता है?

अब जब प्राकृतिक गैस की कीमत 14 महीने के निचले स्तर पर पहुँच चुकी है, तो रसोई गैस सस्ती हो सकती हैबिजली उत्पादन की लागत घट सकती है, और उर्वरक भी सस्ते हो सकते हैं — जिससे किसानों और आम जनता दोनों को राहत मिल सकती है।

महँगाई से जूझ रहे आम भारतीय परिवारों के लिए यह राहत की खबर है — और शायद उनकी रसोई से ही इसकी शुरुआत हो।

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