
गाज़ा सिटी को लेकर इज़राइल की नई सैन्य योजनाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता पैदा कर दी है। हाल ही में सामने आई रिपोर्टों में कहा गया है कि बड़े पैमाने पर सैनिकों की तैनाती और सैन्य कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। लेकिन इसके साथ ही मानवीय सहायता पहुँचाने में गंभीर मुश्किलें भी खड़ी हो सकती हैं।
कई अंतरराष्ट्रीय संगठन और मानवाधिकार समूहों ने चेतावनी दी है कि इस तरह की रणनीति से गाज़ा में पहले से ही बिगड़ी मानवीय स्थिति और खराब हो सकती है। पानी, दवाइयों और खाने की कमी से जूझ रहे लोगों तक मदद पहुँचाना और कठिन हो जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इज़राइल की यह तैयारी केवल सुरक्षा कारणों से नहीं, बल्कि आंतरिक और बाहरी राजनीति से भी जुड़ी हो सकती है। विपक्ष और आलोचक पूछ रहे हैं कि क्या यह कदम लंबे समय तक शांति लाने के लिए है या सिर्फ अल्पकालिक राजनीतिक दबाव का नतीजा।
दूसरी ओर, इज़राइल का कहना है कि उसकी कार्रवाई का मकसद सुरक्षा सुनिश्चित करना है और वह नागरिकों को कम से कम नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेगा। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि सैन्य गतिविधियों के चलते गाज़ा में रहने वाले आम लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र और कई यूरोपीय देशों ने भी अपील की है कि सभी पक्ष मानवीय गलियारों को खुला रखें और नागरिकों को सुरक्षा दें। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में हालात किस दिशा में जाते हैं — क्या बातचीत और कूटनीति का रास्ता चुना जाएगा या सैन्य टकराव और तेज़ होगा।