
भारत में ऑनलाइन मनी गेमिंग की लत अब एक गंभीर चिंता का कारण बन चुकी है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय परिवार हर साल करीब 20,000 करोड़ रुपये इस आदत की वजह से गंवा रहे हैं। इसमें खास तौर पर युवा वर्ग शामिल है, जो मनोरंजन के नाम पर गेम खेलते-खेलते बड़ी रकम गँवा बैठते हैं।
सरकार ने इस बढ़ती समस्या को देखते हुए कहा है कि अब समय आ गया है कि इस सेक्टर में कड़े नियम और सख्त निगरानी लागू की जाए। उद्देश्य सिर्फ आर्थिक नुकसान रोकना ही नहीं, बल्कि इसके साथ जुड़ी सामाजिक परेशानियों को भी कम करना है।
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियाँ अक्सर बड़े-बड़े ऑफर और बोनस का लालच देकर लोगों को आकर्षित करती हैं। शुरुआत में ये शौक जैसा लगता है, लेकिन धीरे-धीरे कई लोग इसमें लत की तरह फँस जाते हैं। इससे न केवल पैसों का नुकसान होता है, बल्कि परिवार और रिश्तों पर भी असर पड़ता है।
सरकार का कहना है कि नए नियमों में कंपनियों को ज्यादा पारदर्शी बनाना होगा और खिलाड़ियों को सचेत करने के लिए जिम्मेदार गेमिंग उपाय अपनाने होंगे। साथ ही, विशेषज्ञों का मानना है कि इस पर समाज में जागरूकता बढ़ाना भी उतना ही जरूरी है।
यह मुद्दा अब सिर्फ पैसों का नहीं, बल्कि समाज की सेहत से भी जुड़ा है। इसलिए आने वाले समय में इस पर बड़ी नीतिगत घोषणाएँ देखने को मिल सकती हैं।