
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों रूस के दौरे पर हैं। यह यात्रा 19 अगस्त से 21 अगस्त तक चलेगी और इसे कूटनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ा हुआ है, भारत का यह कदम काफी मायने रखता है।
जयशंकर का यह दौरा भारत और रूस के बीच लंबे समय से चले आ रहे रिश्तों को मज़बूत करने का एक और प्रयास है। इस यात्रा के दौरान वे रूस के वरिष्ठ नेताओं और विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे। चर्चा का मुख्य केंद्र ऊर्जा सहयोग, रक्षा सौदे और वैश्विक हालात रहने की उम्मीद है।
भारत हमेशा से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में संतुलन बनाने की कोशिश करता आया है। एक ओर अमेरिका के साथ रणनीतिक साझेदारी गहरी हो रही है, वहीं रूस के साथ पुराना रक्षा और ऊर्जा संबंध भी मजबूत है। ऐसे में जयशंकर का यह दौरा भारत की बहुपक्षीय विदेश नीति का उदाहरण है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मुलाकात से भारत-रूस रिश्तों को नई दिशा मिल सकती है। साथ ही, मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में भारत की भूमिका और भी अहम हो जाएगी।
कुल मिलाकर, यह दौरा केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए नहीं बल्कि वैश्विक राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है। अब देखना होगा कि जयशंकर की यह यात्रा भारत को किस तरह के कूटनीतिक फायदे दिलाती है।