
पाकिस्तान की राजनीति एक बार फिर बड़े संकट में आ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को प्रधानमंत्री इमरान खान को सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य करार दिया। इस फैसले ने देश में राजनीतिक हलचल तेज़ कर दी है और सरकार के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कोर्ट का यह फैसला लंबे समय से चल रहे भ्रष्टाचार और वित्तीय गड़बड़ी से जुड़े मामले में आया है। इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) का कहना है कि यह फैसला राजनीतिक दबाव का नतीजा है और उनके खिलाफ साज़िश की जा रही है। वहीं विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह “न्याय और लोकतंत्र की जीत” है।
फैसले के बाद राजधानी इस्लामाबाद और कई बड़े शहरों में तनाव बढ़ गया है। PTI समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं, वहीं सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह संकट न केवल पाकिस्तान की राजनीति बल्कि उसकी अर्थव्यवस्था और स्थिरता पर भी गहरा असर डाल सकता है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि पाकिस्तान में सत्ता की बागडोर किसके हाथों में जाएगी। क्या नई सरकार बनेगी या फिर देश जल्द चुनाव की ओर बढ़ेगा? इन सवालों के बीच आम जनता महंगाई, बेरोज़गारी और आर्थिक मुश्किलों से जूझ रही है, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई है।
यह साफ है कि आने वाले हफ्ते पाकिस्तान की राजनीति के लिए बेहद अहम साबित होंगे।