
भारत की सबसे बड़ी फार्मा कंपनी सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज़ में एक बड़ा नेतृत्व परिवर्तन होने जा रहा है। कंपनी ने किर्ति गणोरकर को अपना नया मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) नियुक्त किया है। यह बदलाव 1 सितंबर 2025 से प्रभावी होगा। इस पद पर वे दिलीप संघवी की जगह लेंगे, जो अब केवल एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के रूप में कार्यरत रहेंगे।
🔥 अनुभव और दूरदृष्टि का मेल
किर्ति गणोरकर फार्मा इंडस्ट्री में कोई नया नाम नहीं हैं। उन्होंने 2019 से भारत में सन फार्मा के बिज़नेस को लीड किया है और कंपनी को तेज़ी से आगे बढ़ाया है। उनकी अगुआई में कंपनी ने जापान जैसे प्रतिस्पर्धी बाजार में भी प्रवेश किया और कई नए प्रोडक्ट लॉन्च किए।
“किर्ति जी के नेतृत्व में कंपनी को एक नई दिशा और मजबूती मिलेगी। उनका अनुभव और रणनीतिक सोच हमारे लिए अमूल्य है,” कंपनी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया।
🔁 नेतृत्व में और बदलाव: अमेरिका डिवीजन को मिलेगी नई ताकत
सिर्फ गणोरकर ही नहीं, बल्कि सन फार्मा के उत्तर अमेरिका कारोबार में भी बड़ा बदलाव हुआ है। रिचर्ड एस्क्रॉफ्ट को सीईओ (CEO – North America) बनाया गया है। वे अभय गांधी की जगह लेंगे, जिन्होंने अब कंपनी छोड़ने का फैसला किया है। रिचर्ड के आने से कंपनी को अमेरिकी मार्केट में नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है।
📅 अगला पड़ाव: AGM में मंज़ूरी
गणोरकर की नियुक्ति को लेकर अंतिम मुहर 31 जुलाई 2025 को होने वाली वार्षिक आम सभा (AGM) में shareholders द्वारा लगेगी। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, उनकी नियुक्ति को लेकर किसी तरह की अड़चन की उम्मीद नहीं है।
📌 क्यों है ये बदलाव खास?
✅ अनुभवी नेतृत्व के साथ भविष्य की रणनीति
✅ वैश्विक विस्तार की तैयारियाँ तेज़
✅ भारत, जापान और अमेरिका पर फोकस
✅ सन फार्मा के इतिहास का निर्णायक मोड़
🚀 निष्कर्ष
सन फार्मा एक बार फिर खुद को बदलने और भविष्य के लिए तैयार करने जा रही है। किर्ति गणोरकर के पास अनुभव भी है और जोश भी। दिलीप संघवी के मार्गदर्शन और गणोरकर की रणनीतिक सोच से कंपनी के अगले अध्याय की शुरुआत बेहद रोमांचक होने वाली है।
भारत की फार्मा इंडस्ट्री में अब एक नया अध्याय लिखा जा रहा है — और आप इसके साक्षी बनने जा रहे हैं।